Thursday, April 14, 2016

मेरी माँ

मेरे चेहरे पर घर कर चुके,
ज़िन्दगी के हज़ार रंगो से
गुमराह हुए बिना,
मेरी माँ,
मेरे भीतर झाँक लेती है,
मुझको जान लेती है,
मेरे मन की गहराई में
उतरने के लिए
उसे शब्दों की सीढ़ी,
भावों की रस्सी की
ज़रूरत नहीं पड़ती,
मेरी माँ,
मेरी ख़ामोशी पहचान लेती है।

मेरी माँ ने,
अक्सर
मेरी उलझनों को इत्मीनान से सुनकर
अपने हिस्से की नींद मुझे दी है,
मेरी परेशानियों को साँझा कर
मेरे कंधे को आराम दिया है,
मेरी नज़र उतारकर
'आम' हो चुके मुझको
'खास' होने का 
नायाब एहसास दिया है।

मेरी माँ,
मेरे लिए
संघर्षरत रहने की प्रेरणा है,
हिम्मत न हारने का हौसला है,
मुश्किलों से पार पाने की शक्ति है,
मेरी सफलता का आश्वासन है,
मेरी सबसे अच्छी दोस्त है,
मेरा सबसे भरोसेमंद सहारा है।

ज़िन्दगी के इस सफ़र में,
राह में जब भी कांटे आये
मेरी माँ ने अपनी हथेलियाँ बिछा दी,
जब भी धुप ज़रा तेज़ हुई
अपने आँचल की छाँव कर दी,
मैं जब भी लड़खड़ाया
हाथ देकर मुझे संभाला,
मेरे थकने पर
मुझे अपने कंधे का सहारा दिया,
ये मेरी माँ की
निरंतर कोशिशें ही थीं
जिन्होंने,
ये सफ़र थमने नहीं दिया
मुझे रुकने नहीं दिया
मुझे हारने नहीं दिया।



4 comments:

  1. goosebumps, moist eyes ....no comments

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  3. Great attempt.
    Keep writing bro

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