तू शमा मैं परवाना,
तेरे पास गया तो जल जाऊँगा,
पर तुझसे दूर हुआ तो परवाना कैसे कहलाऊंगा,
मुझे जान कौन पाएगा,
पहचान कौन पाएगा,
गुमनामी के साए मे खो जाऊँगा,
हज़ारों की भीड़ मे,
मैं भी उनमे से एक हो जाऊँगा||
तुझसे ही मेरा वजूद है,
मेरे हर ज़र्रे मे तू मौजूद है,
तुझसे ही मेरा नाम है,
तू ही मेरा मुकाम है||
जलेंगे तो एक दिन सभी,
आज नही तो फिर कभी,
पर, तेरे पास आकर,
तुझमे समाकर,
तेरे एहसास को पाकर,
सपने को हक़ीक़त बना जाऊँगा,
सौ जन्म एक साथ जी जाऊँगा,
और, मरते मरते भी ,
ज़िंदा होने का एहसास कर जाऊँगा||
लोग मुझे नादान कहेंगे,
मेरी बेवकूफी पर हँसेंगे,
पर, ये नादानी नही ,दीवानापन है,
जो सागर मे समाती नदी जानती है,
कभी कभी किसी को पाने के लिए,
अपने आप को दाँव पे लगाना पड़ता है,
खुद की हस्ती मिटानी पड़ती है||
कोई कितना भी मनाए,
कोई कितना भी समझाए,
मुझे तेरी आग मे जलना है,
मुझे तुझमे फ़ना होना है,
यही मेरी हसरत है,
यही मेरी किस्मत है||
तेरे पास गया तो जल जाऊँगा,
पर तुझसे दूर हुआ तो परवाना कैसे कहलाऊंगा,
मुझे जान कौन पाएगा,
पहचान कौन पाएगा,
गुमनामी के साए मे खो जाऊँगा,
हज़ारों की भीड़ मे,
मैं भी उनमे से एक हो जाऊँगा||
तुझसे ही मेरा वजूद है,
मेरे हर ज़र्रे मे तू मौजूद है,
तुझसे ही मेरा नाम है,
तू ही मेरा मुकाम है||
जलेंगे तो एक दिन सभी,
आज नही तो फिर कभी,
पर, तेरे पास आकर,
तुझमे समाकर,
तेरे एहसास को पाकर,
सपने को हक़ीक़त बना जाऊँगा,
सौ जन्म एक साथ जी जाऊँगा,
और, मरते मरते भी ,
ज़िंदा होने का एहसास कर जाऊँगा||
लोग मुझे नादान कहेंगे,
मेरी बेवकूफी पर हँसेंगे,
पर, ये नादानी नही ,दीवानापन है,
जो सागर मे समाती नदी जानती है,
कभी कभी किसी को पाने के लिए,
अपने आप को दाँव पे लगाना पड़ता है,
खुद की हस्ती मिटानी पड़ती है||
कोई कितना भी मनाए,
कोई कितना भी समझाए,
मुझे तेरी आग मे जलना है,
मुझे तुझमे फ़ना होना है,
यही मेरी हसरत है,
यही मेरी किस्मत है||
cahat na hoti tho sayad hum bhi na hote.... a really inspired poem.... gud luck for ur furture
ReplyDeletegood 1 dude
ReplyDeletevery ni6...!
ReplyDeleteThanks very nice blog!
ReplyDeleteHave a look at my webpage; acumen heart rate monitor
Very nice
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